गेस्टाल्टवाद ( Gestalt Theory ) या अंतर्दृष्टि का सिद्धांत ( Insight Theory )
Gestalt Theory के प्रवर्तक मैक्स वर्दीमर, कोफ्का तथा कोहलर
प्रयोग भूखे चिम्पांजी ( सुल्तान )
गेस्टाल्ट संप्रदाय का उदय 1920
कोहलर ने अपना प्रयोग 1916
Gestalt Theory के अन्य नाम
1.अंतर्दृष्टि या सूझ का सिद्धांत (Insight learning theory)
3. समग्रकार सिद्धान्त
4. कोहलर का सिद्धांत
गेस्टाल्ट का अर्थ
- जर्मन शब्द है, जिसका अर्थ पूर्ण (whole) या समग्र आकार (total pattern or configuration) है।
- इनको सूझ या अंतर्दृष्टि का सिद्धांत (Insight theory) भी कहते है।
- इस सिद्धांत में समस्या की प्रकृति को संपूर्ण आकार में अध्ययन करने पर बल दिया गया है।
- यह सिद्धांत पूर्ण से अंश (Whole to part) की ओर की और या स्थूल से सूक्ष्म (Macro to micro) का प्रतिपादित करते है।
कोहलर का प्रयोग (Kohlar’s Experiment)
प्रथम प्रयोग (First Experiment)
- कोहलर ने सुल्तान नामक एक चिंपेंजी पर प्रयोग किया। कोहलर ने भूखे सुल्तान को एक कमरे में बंद रखा तथा उसकी छत से केले लटका दिए। सुल्तान इन्हें प्राप्त करने का प्रयास करता है। लेकिन असफल रहता है।
- सुल्तान ने कमरे का बारीकी से पूर्ण आकार (समग्र आकार) में अध्ययन किया और पाया कि कमरे में एक बड़ा बॉक्स था। सुल्तान ने बॉक्स का प्रयोग किया और केले प्राप्त किए।
- सुल्तान द्वारा कमरे में बॉक्स को देखना समस्या के पूर्ण आकार का अध्ययन तथा बॉक्स का प्रयोग करना सुल्तान की अंतर्दृष्टि व सूझ-बुझ (Insight and sense) का परिणाम है।
द्वितीय प्रयोग (Second Experiment)

- एक अन्य प्रयोग में कोहलर ने सुल्तान के पिंजरे में दो छड़ें रखीं। इन छड़ियों में ऐसी व्यवस्था रखी की छोटी छड़ी एक छोर को लंबी छड़ी के एक छोर में फिट किया जा सकता है, जिससे छड़ी लम्बी हो जाती है।
- सुल्तान को परीक्षण और त्रुटि के माध्यम से दोनो छड़ियों को जोड़कर लम्बी बनाने का विचार नहीं मिला।
- लेकिन जब कोहलर ने बड़ी छड़ी में अपनी उंगली डालकर संकेत दिया, तो सुल्तान ने पूरी स्थिति देखी और अंतर्दृष्टि के माध्यम से सही कार्य किया।
उपरोक्त प्रयोगेस्टाल्ट मनोवैज्ञानिकों ने ‘प्रयास और त्रुटी (trial and error), ‘प्रयास और सफल (strive and succeed) के सिद्धांतों का खण्डन किया है।ग के आधार पर हम कह सकते है कि प्यासा कौवा कहानी तथा न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण प्रयोग भी सूझ व अंतर्दृष्टि का ही परिणामहै।
अंतर्दृष्टि को प्रभावित करने वाले कारक (factors influencing insight)
अंतर्दृष्टि को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्नलिखित है-
1. बुद्धि(intelligence)
बुद्धि अंतर्दृष्टि को प्रभावित करने वाला प्रमुख कारक है। अंतर्दृष्टि का संबंध प्राणी की बुद्धि से होता है चिंपांजी की अपेक्षा मनुष्य अधिक बुद्धिमान होता है। इसलिए उसमें अंतर्दृष्टि अधिक पाई जाती है या उच्च बौद्धिक स्तर वाले जीवो में अंतर्दृष्टि अधिक होती है।
2. अनुभव(experience)
अंतर्दृष्टि को प्रभावित करने वाला दूसरा महत्वपूर्ण कारक अनुभव है। अनुभवों से किसी समस्या को सुलझाने में मदद मिलता है। अनुभवी व्यक्ति समस्या को सुलझाने में हमेशा अंतर्दृष्टि का लाभ उठाते हैं। वह अनुभव का स्थानांतरण एक परिस्थिति से दूसरी परिस्थिति में करते हैं अनुभवों के आधार पर व्यक्ति अपनी किसी भी समस्या का समाधान बहुत जल्दी कर लेता है।
3. समस्या का प्रत्यक्षीकरण(perception):
प्रत्यक्षीकरण अंतर्दृष्टि का विकास करता है जब तक समस्या का पूर्ण रूप से प्रत्यक्षीकरण नहीं होता तब तक अंतर्दृष्टि संभव नहीं है अंतर्दृष्टि पर समस्या की रचना भी प्रभावित करती है।
4. .प्रयास(trial):
कुछ मनोवैज्ञानिकों का विचार है कि किसी भी क्रिया के मूल में प्रयास या प्रयत्न आवश्यक निहित रहता है। मनुष्य या कोई भी जीव समस्याओं का हल करने के लिए कुछ ना कुछ प्रयास या प्रयत्न अवश्य करता है।
गेस्टाल्टवाद के नियम ( Rules Of Gestalt Theory )
पूर्णाकारवाद के नियम इस प्रकार है :
1) संरचनात्मक : पूर्णाकारवाद में अधिगम की संपूर्ण प्रक्रिया उस समय पूर्ण मानी जाती है जब प्रक्रिया का निश्चित रूप प्रकट होता है।
2) समरूपता : जो वस्तुएं आकार से समान होती हैं, उनका पूर्णाकार रूप उसी प्रकार अंतर्दृष्टि में होता है ।
3) समीपता : इस नियम के अनुसार जो वस्तुएं आकार में समान होती है , वे एक दूसरे के समरूप प्रकट होती हैं।
4) समापन : मानव मस्तिष्क में स्थित क्षेत्र को बंद करने की प्रक्रिया इस नियम में पाई जाती है। किसी एक समस्या पर ध्यान केंद्रित करना इसी नियम के अंतर्गत आता है।
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