Rajasthan Ki Nadiya Notes |

राजस्थान की नदियां के बारे में संपूर्ण जानकारी

राजस्थान पश्चिमी भारत का एक राज्य है। यह निम्नलिखित सहित कई नदियों का घर है:

Rajasthan Ki Nadiya Notes
Rajasthan Ki Nadiya Notes

चंबल नदी: यह नदी मध्य प्रदेश से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले राजस्थान से होकर बहती है। यह अपने बीहड़, पथरीले इलाके और मगरमच्छों की बड़ी आबादी के लिए जाना जाता है।

बनास नदी: यह नदी अरावली पर्वतमाला से निकलती है और खंभात की खाड़ी में गिरने से पहले राजस्थान से होकर बहती है। यह क्षेत्र में सिंचाई और अन्य उपयोगों के लिए पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

लूनी नदी: यह नदी अरावली पर्वतमाला से निकलती है और अरब सागर में गिरने से पहले राजस्थान के पश्चिमी भाग से होकर बहती है। यह क्षेत्र में सिंचाई और अन्य उपयोगों के लिए पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

साबरमती नदी: यह नदी अरावली पर्वतमाला से निकलती है और खंभात की खाड़ी में गिरने से पहले राजस्थान के पश्चिमी भाग से होकर बहती है। यह क्षेत्र में सिंचाई और अन्य उपयोगों के लिए पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

जवाई नदी: यह नदी अरावली पर्वतमाला से निकलती है और खंभात की खाड़ी में गिरने से पहले राजस्थान के पश्चिमी भाग से होकर बहती है। यह क्षेत्र में सिंचाई और अन्य उपयोगों के लिए पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

अब हम नदियों को विस्तार से देखेंगे जैसे हम निमन मुखिया बिंदु पर विचार करेंगे

मुख्य बिंदु

  • अन्य नाम
  • उदगम स्थल
  • राज्य में प्रवेश
  • बहाव क्षेत्र
  • समाप्ति स्थल
  • सहायक नदियां
  • विशेषता
Rajasthan Ki Nadiya Notes
Rajasthan Ki Nadiya Notes

राजस्थान में नदियों का अपवाह तंत्र

  1. आंतरिक अपवाह तंत्र
  2. अरब सागर अपवाह तंत्र
  3. बंगाल की खाड़ी का अपवाह तंत्र

1.आंतरिक अपवाह तंत्र

  • एक विशेष प्रकार का अपवाह तंत्र
  • केवल राजस्थान में पाया जाता है
  • राज्य का सबसे बड़ा अपवाह तंत्र (लगभग 60%)

राजस्थान में आंतरिक अपवाह तंत्र की नदियां

  1. घग्गर नदी
  2. कातली नदी
  3. काकनेय नदी
  4. रूपारेल नदी
  5.  रूपनगढ़ नदी
  6. साबी नदी
  7. मेंथा नदी
  8. खारी नदी
  9. खंडेला नदी
  10. द्रव्यवती नदी

1- घग्गर नदी

अन्य नाम
  • प्राचीन सरस्वती
  • हकरा नदी
  • नट नदी
  • मृत नदी
  • सोतर नदी

उद्गम स्थल: शिवालिक पहाड़िया (कालका) हिमाचल प्रदेश

राज्य में प्रवेश:  तिब्बी हनुमानगढ़

बहाव क्षेत्र: हनुमानगढ़ , गंगानगर

समाप्ति स्थल: फोर्ट अब्बास (पाकिस्तान)

नोट – वर्तमान में  घग्गर भटनेर (हनुमानगढ़) में लुप्त होती है

विशेषता –

  • राजस्थान का शौक
  •  एकमात्र अंतरराष्ट्रीय नदी
  • आंतरिक अपवाह तंत्र की सबसे लंबी नदी
  •  घग्गर नदी के किनारे – कालीबंगा सभ्यता ,पीलीबंगा सभ्यता, रंगमहल सभ्यता ,अनूपगढ़ , सूरतगढ़ (गंगानगर)
  •  घग्गर नदी द्वारा निर्मित झील तलवाड़ा झील (हनुमानगढ़)

2- कांतली नदी

अन्य नाम – शेखावटी की मुख्य नदी

उद्गम स्थल – खंडेला , सीकर

बहाव क्षेत्र – सीकर ,झुंझुनू, चूरू

समाप्ति स्थल – चुरू की सीमा

विशेषता –

  • पूर्णत राज्य में बहने वाली आंतरिक अपवाह तंत्र की सबसे लंबी नदी
  • 2 झुंझुनू का विभाजन
  • कातली नदी के किनारे – गणेश्वर सभ्यता-  सीकर सुनारी सभ्यता – झुंझुनू

3- काकनेय नदी

अन्य नाम- मसूरी नदी , काकनी नदी

उद्गम स्थल – कोटरी पहाड़ियां (जैसलमेर)

बहाव क्षेत्र – जैसलमेर

समाप्ति स्थल– बुझ झील (जैसलमेर)

विशेषता – आंतरिक अपवाह तंत्र की सबसे छोटी नदी बुझ झील का निर्माण

4-रूपारेल नदी

अन्य नाम – लसवारी नदी ,वराह नदी ,रूपनारायण नदी

उद्गम स्थल – उदयनाथ की पहाड़ियां (अलवर)

बहाव शेत्र – अलवर व भरतपुर

समाप्ति स्थल – बयाना (भरतपुर)

विशेषता-

  • भरतपुर की जीवन रेखा – मोतीझील (भरतपुर)
  • रूपारेल नदी मोती झील का निर्माण करती है
  •  सीकरी बांध (भरतपुर)
  • रूपारेल नदी के किनारे – नोह सभ्यता (भरतपुर) लोह युगीन सभ्यता

5 – साबी नदी

उद्गम स्थल – सेवर की पहाड़ियां (जयपुर)

बहाव क्षेत्र – जयपुर ,अलवर

समाप्ति स्थल – पटौदी गांव (हरियाणा)

विशेषता –

  • अलवर जिले की सबसे बड़ी नदी
  • जोधपुरा सभ्यता (जयपुर)

6 – रूपनगढ़ नदी

उद्गम स्थल – किशनगढ़ की पहाड़ियां (अजमेर)

बहाव क्षेत्र – अजमेर ,जयपुर

समाप्ति स्थल – सांभर झील (दक्षिण दिशा)

7 – मेंथा/ मेंढा नदी

उद्गम स्थल –  मनोहरपुरा (जयपुर)

बहाव क्षेत्र –  जयपुर, नागौर

समाप्ति स्थल – सांभर झील (उत्तर दिशा)

राजस्थान में अरब सागर अपवाह तंत्र की नदियां

  1. माही नदी
  2. लूनी नदी
  3. साबरमती नदी
  4. पश्चिमी बनास नदी
  5. सुकेल नदी

1- माही नदी

अन्य नाम

  • आदिवासियों की गंगा
  • वागड़ व कांठल की गंगा
  • दक्षिण राजस्थान की गंगा

उद्गम स्थल- विद्यांचल की पहाड़ियां , अप मेरु पर्वत धार जिला  (मध्य प्रदेश)

राज्य में प्रवेश – खांद गांव (बांसवाड़ा)

बहाव क्षेत्र – बांसवाड़ा, डूंगरपुर

समाप्ति स्थल – खंभात की खाड़ी

विशेषता

  • उल्टे यू आकार में प्रवाहित
  • कर्क रेखा को दो बार पार करती
  • दक्षिण से निकलकर दक्षिण में ही समाप्त
  • तीन राज्य में प्रवाहित  मध्य प्रदेश ,राजस्थान, गुजरात
  • माही नदी के किनारे – गलियाकोट (डूंगरपुर)

बेणेश्वर (डूंगरपुर)

माही नदी की सहायक नदियां – सोम नदी ,चाप नदी, जाखम नदी, मोरेन नदी , अनास नदी

सोम नदी

उद्गम स्थल – बिछामेड़ा की पहाड़ियां (उदयपुर)

बहाव क्षेत्र – उदयपुर, डूंगरपुर

विलय – माही मे बेणेश्वर (डूंगरपुर) में

सहायक नदियां –  गोमती , झामरी, टीडी

विशेषता

  • सोम कागदर परियोजना – उदयपुर
  • सोम -कमला – अंबा परियोजना- डूंगरपुर
जाखम नदी

उद्गम स्थल – भंवर माता की पहाड़ियां (प्रतापगढ़)

बहाव क्षेत्र – प्रतापगढ़ ,उदयपुर ,डूंगरपुर

विलय – माही नदी में बेणेश्वर (डूंगरपुर) में

सहायक नदियां – करमई व सरमई

विशेषता

जाखम बांध
  • नदी – जाखम नदी पर निर्मित
  • कहा – प्रतापगढ़ में
  • राज्य का सबसे ऊंचा बांध (81 मीटर )

त्रिवेणी संगम-  तीन नदियों का संगम

सोम – माही-  जाखम

कहां – बेणेश्वर (डूंगरपुर)

2- लूनी नदी

अन्य नाम

  • लवणवती नदी
  • सागरमती नदी (प्रारंभिक नाम)
  • अंत सलिला नदी (कालिदास)
  • आधी मीठी व आधी खारी

उद्गम स्थल –  नाग पहाड़ (अजमेर)

बहाव क्षेत्र – अजमेर ,नागौर, पाली ,जोधपुर ,बाड़मेर, जालौर

समाप्त स्थल – कच्छ का रण

विशेषता

  • पश्चिमी राजस्थान की सबसे लंबी नदी
  • लूनी नदी से बाढ़ आने की संभावना-  बालोतरा (बाड़मेर)
  • लूनी नदी का पानी बालोतरा तक मीठा इसके बाद खारा हो जाता है
  • जालौर जिले में लूनी नदी का बहाव क्षेत्र- रेल /नाडा -लूनी नदी के किनारे- तिलवाड़ा सभ्यता (बाड़मेर)
  •  पिचियाक बांध- बिलाड़ा ,जोधपुर

लूनी नदी की सहायक नदियां

  1. लीलड़ी नदी
  2. मीठड़ी
  3. बांडी
  4. सुकड़ी
  5. जड़ी
  6. जवाई नदी
  7. गुहिया नदी
  8. सागी नदी
  9. बांडी नदी

उद्गम स्थल –  पाली की पहाड़ियां (पाली)

बहाव क्षेत्र – पाली

बांध – हेमावास बांध (पाली)

किनारे – पाली शहर

सुकड़ी नदी

उद्गम स्थल – देसूरी (पाली)

बहाव क्षेत्र – पाली ,जालौर, बाड़मेर

बांध – बाकली बांध (जालौर)

विलय – लूनी नदी में समदड़ी (बाड़मेर)

जवाई नदी

उद्गम स्थल – गोरिया गांव (पाली)

बहाव क्षेत्र – पाली ,जालौर ,बाड़मेर

बांध – जवाई बांध 1946

  • कहां – पाली
  • पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बांध
  • मारवाड़ का अमृत सरोवर
  • अतिरिक्त जलापूर्ति- सेई परियोजना  (उदयपुर) सहायक नदी – मंथाई नदी =किनारे – रणकपुर जैन मंदिर (पाली)

विशेषता – लूणी की सबसे लंबी सहायक नदी

जोजड़ी नदी

उद्गम स्थल – पांडूल, नागौर

बहाव क्षेत्र – नागौर , जोधपुर

विशेषता – लूणी में दाई ओर से विलय होने वाली एकमात्र नदी

साबरमती नदी

उद्गम स्थल – फुलवारी की नाल

बहाव क्षेत्र – उदयपुर , गुजरात

समाप्त  स्थल – खंभात की खाड़ी

सहायक नदियां – मानसी नदी, वाकल नदी, हथमती नदी , सई नदी

विशेषता

  • गुजरात की मुख्य नदी
  • साबरमती नदी के किनारे – गांधीनगर ,अहमदाबाद
  • देवास जल सुरंग – मानसी , वाकल (राज्य की सबसे लंबी  जल सुरंग)

पश्चिमी बनास नदी

उदगम स्थल – नया सखाड (सिरोही)

बहाव क्षेत्र – सिरोही, गुजरात

समाप्त  स्थल – कच्छ का रण

बांध – बनास बांध (सिरोही)

किनारे – डीशा नगर (गुजरात), आबू (सिरोही)

सहायक नदी – सुकली

बंगाल की खाड़ी के अपवाह तंत्र की नदियां

  1. चंबल नदी
  2. बनास नदी
  3. गंभीर नदी
  4. बाणगंगा नदी

1- चंबल नदी

अन्य नाम

  • चरमवती नदी
  • राजस्थान की कामधेनु
  • बारहमासी नदी

उद्गम स्थल – जानापाव की पहाड़ियां (मध्य प्रदेश)

राज्य में प्रवेश – चौरासीगढ़ (चित्तौड़गढ़)

बहाव क्षेत्र – चित्तौड़गढ़ ,कोटा ,बूंदी ,सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर

समाप्ति स्थल – यमुना नदी में मुरादगंज (इटावा ,UP)

विशेषता

  • राज्य में प्रवाहित होने वाली सबसे लंबी नदी
  • चंबल नदी मध्य प्रदेश ,राजस्थान, उत्तर प्रदेश में बहती हैं
  • राज्य में सर्वाधिक जल सतही व सर्वाधिक जल उपयोगिता वाली नदी
  • वाटर सफारी वाली नदी
  • चंबल नदी पर राज्य का ऊंचा जलप्रपात स्थित है

नोट – चूलिया जलप्रपात चित्तौड़गढ़ ,18 मीटर, चंबल नदी के किनारे-  कोटा शहर, केशवराय पाटन (बूंदी)

चंबल नदी की सहायक नदियां

  1. बनास नदी
  2. कालीसिंध नदी
  3. पार्वती नदी
  4. बामनी नदी
  5. सीप नदी
  6. मेज नदी
  7. चाकन नदी
  8. शिप्रा नदी
  9. बनास नदी

2- बनास नदी

अन्य नाम – वन की आशा ,वशिष्टि

उद्गम स्थल – खमनोर की पहाड़ियां (राजसमंद)

बहाव क्षेत्र – राजसमंद ,चित्तौड़ ,भीलवाड़ा ,अजमेर सवाई माधोपुर ,टोंक

समाप्ति स्थल – रामेश्वर (सवाई माधोपुर)

विशेषता

  • पूर्णत राज्य में बहने वाली सबसे लंबी नदी
  • सर्वाधिक जल ग्रहण क्षेत्र वाली नदी
  • बांध

नंद समंद बांध – राजसमंद

बीसलपुर बांध – टोंक

ईसरदा बांध – सवाई माधोपुर

बनास की सहायक नदियां

  1. बेडच नदी
  2. खारी नदी
  3. कोठारी नदी
  4. डाई नदी
  5. मेनाल नदी
  6. मोरेल नदी
  7. चंद्रभागा नदी
  8. ढील नदी

बेडच नदी

अन्य नाम- आयड नदी

उद्गम स्थल – गोगुंदा (उदयपुर)

बहाव क्षेत्र – उदयपुर ,चित्तौड़गढ़ ,भीलवाड़ा

समाप्ति स्थल – बीगोद (भीलवाड़ा)

विशेषता

  • बेड़च नदी उदय सागर झील (उदयपुर) में गिरने के बाद बनती हैं ,पहले आयड नदी के रूप में बहती
  • आयड नदी के किनारे आहड़ सभ्यता (उदयपुर)

कोठारी नदी

उद्गम स्थल – दिवेर (राजसमंद)

बहाव क्षेत्र – राजसमंद ,भीलवाड़ा

बांध – मेजा बांध (भीलवाड़ा)

समाप्ति स्थल – मांडलगढ़ (भीलवाड़ा)

विशेषता

  • कोठारी नदी के किनारे
  • बागोर सभ्यता (भीलवाड़ा)

मेनाल नदी

उद्गम स्थल –  बेगू (चित्तौड़गढ़)

बहाव क्षेत्र – चित्तौड़गढ़ ,भीलवाड़ा

समाप्ति स्थल – बीगोद ,भीलवाड़ा

खारी नदी

उद्गम स्थल – बिजराल की पहाड़ियां ( राजसमंद)

बहाव क्षेत्र – राजसमंद ,भीलवाड़ा ,अजमेर ,टोंक

समाप्ति स्थल – राजमहल (देवली ,टोंक)

किनारे – आसींद ,भीलवाड़ा

बांध – नारायण सागर बांध (अजमेर)

बनास नदी पर त्रिवेणी संगम

  1. चंबल – बनास – सीप = रामेश्वर (सवाई माधोपुर)
  2. बनास – डाई – खारी = देवली (टोंक)
  3. बनास – बेडच – मेनाल = बीगोद (भीलवाड़ा)

कालीसिंध नदी

उद्गम स्थल-  देवास ,मध्य प्रदेश

राज्य में प्रवेश – झालावाड़

बहाव क्षेत्र – झालावाड़, कोटा, बारा

विलय- चंबल नदी में नौनेरा गांव, कोटा

सहायक नदियां –  आहू, उजाड़,परवन

विशेषता

  • आहू व कालीसिंध गागरोन किला (झालावाड)
  • परवन नदी – शेरगढ़ , बारा

पार्वती नदी

उद्गम स्थल-  सीहोर शेत्र ,मध्य प्रदेश

राज्य में प्रवेश –  बारा

बहाव क्षेत्र – बारा, कोटा ,सवाई माधोपुर

विलय – चंबल नदी में पालिया गांव ,सवाई माधोपुर

विशेषता

राजस्थान व मध्यप्रदेश के मध्य दो दो बार सीमा बनाती है

बामिनी नदी

अन्य नाम – ब्राह्मणी नदी

उद्गम स्थल – हीरापुर , चित्तौड़गढ़

बहाव क्षेत्र– चित्तौड़गढ़

विलय – चंबल नदी में , चित्तौड़गढ़

विशेषता

चंबल व बामनी – भैसरोडगढ़ किला (चित्तौड़गढ़)

3- गंभीरी नदी

उद्गम स्थल – चांदन गांव श्री महावीर जी करौली

बहाव क्षेत्र – करौली, सवाई माधोपुर ,भरतपुर

समाप्ति स्थल – यमुना नदी में ,उत्तर प्रदेश

सहायक नदियां – भद्रावती , भेसावट,बरखेड़ा

बांध – पांचना बांध (करौली)

राज्य का एकमात्र पूर्णत मिटी से निर्मित बांध

4- बाणगंगा नदी

अन्य नाम – अर्जुन की गंगा ,ताला नदी

उद्गम स्थल – बैराठ की पहाड़ियां (जयपुर)

बहाव क्षेत्र –  जयपुर ,दौसा ,भरतपुर

समाप्ति स्थल – यमुना नदी में ,उत्तर प्रदेश

किनारे – बैराठ सभ्यता (जयपुर)

विशेषता –

  • जिले जहां कोई भी नदी नहीं है – चुरु व बीकानेर
  • तीनों प्रकार का अपवाह तंत्र – अजमेर
  • सर्वाधिक नदियों वाला संभाग – कोटा संभाग
  • न्यूनतम नदियों वाला संभाग – बीकानेर संभाग सर्वाधिक नदियों के उद्गम वाला जिला – उदयपुर

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